Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Feb 2019 · 1 min read

तिले धारू बोला, प्यारी फ्योंळी (रोमान्टिक गढ़वाली गीत)

तिले धारू बोला, प्यारी फ्योंळी
तेरी मुखड़ी यन चमकी, जन या रात जुन्याळी
ओsss…होsss… तिले धारू बोला…

लाखूं-हज़ारूं मा इक तू ही प्यारी
जिन मेरी आँख्यूंका सुपन्या संवारी // १. //
ओsss…होsss… तिले धारू बोला…

तू न मिली त मिल मोर ज्याण
तवे संग मिल या जिन्दगी बिताण // २. //
ओsss…होsss… तिले धारू बोला…

मोरिक भी फ्योंळी हम न बिछड़ला
हैंक जन्म मा फ्योंळी फिर मिलला // ३. //
ओsss…होsss… तिले धारू बोला…

Language: Hindi
Tag: गीत
345 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
View all
You may also like:
मुक्तक
मुक्तक
प्रीतम श्रावस्तवी
राह के कंकड़ अंधेरे धुंध सब छटती रहे।
राह के कंकड़ अंधेरे धुंध सब छटती रहे।
सत्य कुमार प्रेमी
चंचल मन
चंचल मन
उमेश बैरवा
गीता जयंती
गीता जयंती
Satish Srijan
।।।
।।।
*प्रणय प्रभात*
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
मुसीबत के वक्त
मुसीबत के वक्त
Surinder blackpen
लेखन की पंक्ति - पंक्ति राष्ट्र जागरण के नाम,
लेखन की पंक्ति - पंक्ति राष्ट्र जागरण के नाम,
Anamika Tiwari 'annpurna '
यह क्या अजीब ही घोटाला है,
यह क्या अजीब ही घोटाला है,
Chaahat
दो धारी तलवार
दो धारी तलवार
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
चोट
चोट
आकांक्षा राय
*मॉं की गोदी स्वर्ग है, देवलोक-उद्यान (कुंडलिया )*
*मॉं की गोदी स्वर्ग है, देवलोक-उद्यान (कुंडलिया )*
Ravi Prakash
रंगों के पावन पर्व होली की आप सभी को हार्दिक बधाइयाँ एवं शुभ
रंगों के पावन पर्व होली की आप सभी को हार्दिक बधाइयाँ एवं शुभ
आर.एस. 'प्रीतम'
मुझे याद रहता है हर वो शब्द,जो मैंने कभी तुम्हारें लिए रचा,
मुझे याद रहता है हर वो शब्द,जो मैंने कभी तुम्हारें लिए रचा,
पूर्वार्थ
*अयोध्या के कण-कण में राम*
*अयोध्या के कण-कण में राम*
Vandna Thakur
फिर किस मोड़ पे मिलेंगे बिछड़कर हम दोनों,
फिर किस मोड़ पे मिलेंगे बिछड़कर हम दोनों,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
दिन की शुरुआत
दिन की शुरुआत
Dr. Pradeep Kumar Sharma
गुरूता बने महान ......!
गुरूता बने महान ......!
हरवंश हृदय
3872.💐 *पूर्णिका* 💐
3872.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
दुनियाँ की भीड़ में।
दुनियाँ की भीड़ में।
Taj Mohammad
रोजगार मिलता नहीं,
रोजगार मिलता नहीं,
sushil sarna
मुक्तक...छंद-रूपमाला/मदन
मुक्तक...छंद-रूपमाला/मदन
डॉ.सीमा अग्रवाल
"पड़ाव"
Dr. Kishan tandon kranti
शीत लहर
शीत लहर
Madhu Shah
आओ इस दशहरा हम अपनी लोभ,मोह, क्रोध,अहंकार,घमंड,बुराई पर विजय
आओ इस दशहरा हम अपनी लोभ,मोह, क्रोध,अहंकार,घमंड,बुराई पर विजय
Ranjeet kumar patre
यह जिंदगी मेरी है लेकिन..
यह जिंदगी मेरी है लेकिन..
Suryakant Dwivedi
सन्देश खाली
सन्देश खाली
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
भुला के बैठे हैं
भुला के बैठे हैं
Dr fauzia Naseem shad
चमकते सूर्य को ढलने न दो तुम
चमकते सूर्य को ढलने न दो तुम
कृष्णकांत गुर्जर
अपनी मिट्टी की खुशबू
अपनी मिट्टी की खुशबू
Namita Gupta
Loading...