Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Apr 2022 · 1 min read

तिरी बारहा याद आए मुझे

तिरी बारहा याद आए मुझे
तिरी याद हर पल सताए मुझे।

हमेशा तिरी बात करते हुए
पुराना ज़माना रुलाए मुझे।

सभी को पता है मिरे हाल का
ज़रा कोई अपनी सुनाए मुझे।

मिरे दर्द का मैं भला क्या करूँ
बिला बात के ही रुलाए मुझे।

कहाँ सीख पाया मोहब्बत भला
कभी प्यार से वो सिखाए मुझे।

नहीं नींद आती मुझे आज कल
जबीं चूम कोई सुलाए मुझे।

भले मैं जमी धूल जैसा मगर
हवा ही कभी बस उड़ाए मुझे।

भटक के भला मैं कहाँ आ गया
सही राह कोई बताए मुझे।

ज़माने हुए तुम दिखे ही नही
ख़ुदा ख़्वाब में ही दिखाए मुझे।

-जॉनी अहमद ‘क़ैस’

4 Comments · 149 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कर्म कभी माफ नहीं करता
कर्म कभी माफ नहीं करता
नूरफातिमा खातून नूरी
अध्यापक:द कुम्भकार
अध्यापक:द कुम्भकार
Satish Srijan
दानवी शक्तियों को सुधारा नहीं जाता था
दानवी शक्तियों को सुधारा नहीं जाता था
Sonam Puneet Dubey
4420.*पूर्णिका*
4420.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
प्रेम करने आता है तो, प्रेम समझने आना भी चाहिए
प्रेम करने आता है तो, प्रेम समझने आना भी चाहिए
Anand Kumar
प्रतीक्षा अहिल्या की.......
प्रतीक्षा अहिल्या की.......
पं अंजू पांडेय अश्रु
मुक्ता सी बौछार के, दिलकश होते  रंग ।
मुक्ता सी बौछार के, दिलकश होते रंग ।
sushil sarna
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
वो आए और देखकर मुस्कुराने लगे
वो आए और देखकर मुस्कुराने लगे
Surinder blackpen
तुम जो भी कर रहे हो....
तुम जो भी कर रहे हो....
Ajit Kumar "Karn"
हमें अलग हो जाना चाहिए
हमें अलग हो जाना चाहिए
Shekhar Chandra Mitra
तेरी
तेरी
Naushaba Suriya
*माँ जगत जननी*
*माँ जगत जननी*
Vedkanti bhaskar
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
दिल एक उम्मीद
दिल एक उम्मीद
Dr fauzia Naseem shad
5. *संवेदनाएं*
5. *संवेदनाएं*
Dr .Shweta sood 'Madhu'
दीप जलाकर अंतर्मन का, दीपावली मनाओ तुम।
दीप जलाकर अंतर्मन का, दीपावली मनाओ तुम।
आर.एस. 'प्रीतम'
चमकते सूर्य को ढलने न दो तुम
चमकते सूर्य को ढलने न दो तुम
कृष्णकांत गुर्जर
सूर्योदय
सूर्योदय
Madhu Shah
हम भी मौजूद हैं इस ज़ालिम दुनियां में साकी,
हम भी मौजूद हैं इस ज़ालिम दुनियां में साकी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
प्रभु रामलला , फिर मुस्काये!
प्रभु रामलला , फिर मुस्काये!
Kuldeep mishra (KD)
जिसके पास
जिसके पास "ग़ैरत" नाम की कोई चीज़ नहीं, उन्हें "ज़लील" होने का
*प्रणय*
जिसके लिए कसीदे गढ़ें
जिसके लिए कसीदे गढ़ें
DrLakshman Jha Parimal
कुछ मासूम स्त्रियाँ!
कुछ मासूम स्त्रियाँ!
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
*बदल सकती है दुनिया*
*बदल सकती है दुनिया*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
*मॉं से बढ़कर शुभचिंतक इस, दुनिया में कोई मिला नहीं (राधेश्य
*मॉं से बढ़कर शुभचिंतक इस, दुनिया में कोई मिला नहीं (राधेश्य
Ravi Prakash
"हकीकत"
Dr. Kishan tandon kranti
जो इंसान मुसरीफ दिखे,बेपरवाह दिखे हर वक्त
जो इंसान मुसरीफ दिखे,बेपरवाह दिखे हर वक्त
पूर्वार्थ
जिंदगी और जीवन में अपना बनाएं.....
जिंदगी और जीवन में अपना बनाएं.....
Neeraj Agarwal
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Shyam Sundar Subramanian
Loading...