तिरंगे के रंग
कल अमृत महोत्सव मना कर
आज जब मैं स्कूल पहुंचा था।
हर बच्चे का चेहरा खिला हुआ
और कुछ के हाथों में तिरंगा था।।
मैं मुस्काता जब क्लास में आया
जय हिंद जय भारत का हुआ नाद।
चर्चा चली फिर अमृत महोत्सव की
सबने साझा की अपनी अपनी याद।।
कोतुहल वश जब मैंने पूछा बच्चों से
तिरंगे में हैं कितने रंग बताओ तो जरा।
सब बच्चों ने बोला मास्टर जी तीन
ऊपर नारंगी बीच सफेद और नीचे हरा।।
इतने में एक बच्चा उठा और बोला
तिरंगे में तीन नही पांच रंग होते हैं।
तीन रंग तो वो ही जो सबने बतलाये हैं
तिरंगे के मध्य में जो चक्र वो नीले होते हैं।।
मैंने उस बच्चे से पूछा ये तो अभी चार हुये
पांचवां रंग कौनसा है तुम बताओ जरा।
पिता मेरे जब तिरंगे में लिपटे घर आये थे
तिरंगे पर लाल रंग भी तो नज़र आये थे।।
सुनते ही बच्चे की बात जुबान को
मानो जैसे लकवा मार गया था।
एक पढ़ा लिखा इंसान आज
एक बच्चे से हार गया था।।
भीगी आंखों से उसकी शहादत को नमन किया।
और इस बच्चे को मन से जी भर कर आशीष दिया।