तिरंगा
जीवन तो है आना जाना।
अपने फर्ज कभी न भुलाना।
अपने वतन पर मिटेंगे हम;
कभी न कदम पीछे हटाना।
जो जां काम न आए वतन पर;
कैसे मां का कर्ज चुकाना।
आओ कदम बड़ाएं मिलकर;
देश को यूं आगे बड़ाना।
तिरंगा घर- घर लहराएगा;
दुश्मन का न तुम खौफ खाना।।।
कामनी गुप्ता***