तिरंगा मेरी जान
तीन वर्णों को मिलने से
बना है यह केतु, ध्वजा
केसरिया, सफेद व हरा
यही ध्वज की अलामत ।
भारत की गौरव तिरंगा
यही भारत की प्रतिष्ठा
इसकी भव्यता को हम
कभी न होने देंगे विरल ।
इसी केतु के लिए हमारे
कई हृदयेश्वर त्यागे प्राण
खेत हो गए इस भव में
पर इसको न झुकने दिए ।
इस ध्वजा को हम भारतीय
मस्तक कटवा कर भी हम
इसे निज कभी न नवने देगे
भारत की स्वाभिमान तिरंगा ।
अमरेश कुमार वर्मा
जवाहर नवोदय विद्यालय बेगूसराय, बिहार