Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Sep 2023 · 1 min read

*तिरंगा (बाल कविता)*

तिरंगा (बाल कविता)
________________________
उच्च तिरंगा फहराऍंगे
जन गण मन हम सब गाऍंगे

चलो लगाऍं सुंदर नारा
भारत जिंदाबाद हमारा

आओ मिलकर कदम बढ़ाऍं
भारत माता के गुण गाऍं

रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451

607 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all
You may also like:
..
..
*प्रणय*
ना जाने कौन सी डिग्रियाँ है तुम्हारे पास
ना जाने कौन सी डिग्रियाँ है तुम्हारे पास
Gouri tiwari
तेरी जुल्फों के साये में भी अब राहत नहीं मिलती।
तेरी जुल्फों के साये में भी अब राहत नहीं मिलती।
Phool gufran
***होली के व्यंजन***
***होली के व्यंजन***
Kavita Chouhan
जब तक हमें अहंकार है हम कुछ स्वीकार नहीं कर सकते, और स्वयं क
जब तक हमें अहंकार है हम कुछ स्वीकार नहीं कर सकते, और स्वयं क
Ravikesh Jha
" देख "
Dr. Kishan tandon kranti
🌳वृक्ष की संवेदना🌳
🌳वृक्ष की संवेदना🌳
Dr. Vaishali Verma
गांव गलियां मुस्कुराएं,
गांव गलियां मुस्कुराएं,
TAMANNA BILASPURI
सातो जनम के काम सात दिन के नाम हैं।
सातो जनम के काम सात दिन के नाम हैं।
सत्य कुमार प्रेमी
लेखक होने का आदर्श यही होगा कि
लेखक होने का आदर्श यही होगा कि
Sonam Puneet Dubey
कुछ लोग बात को यूॅं ही बतंगड़ बनाते हैं!
कुछ लोग बात को यूॅं ही बतंगड़ बनाते हैं!
Ajit Kumar "Karn"
शांति से खाओ और खिलाओ
शांति से खाओ और खिलाओ
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
3111.*पूर्णिका*
3111.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*जीवन में जो पाया जिसने, उस से संतुष्टि न पाता है (राधेश्याम
*जीवन में जो पाया जिसने, उस से संतुष्टि न पाता है (राधेश्याम
Ravi Prakash
ठहरना मुझको आता नहीं, बहाव साथ ले जाता नहीं।
ठहरना मुझको आता नहीं, बहाव साथ ले जाता नहीं।
Manisha Manjari
*दुनियादारी की समझ*
*दुनियादारी की समझ*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
फिर आओ की तुम्हे पुकारता हूं मैं
फिर आओ की तुम्हे पुकारता हूं मैं
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी "
जीवन में प्राकृतिक ही  जिंदगी हैं।
जीवन में प्राकृतिक ही जिंदगी हैं।
Neeraj Agarwal
व्यवहार अपना
व्यवहार अपना
Ranjeet kumar patre
'प्रेमिकाएं' चाहती रही.. 'अर्धांगिनी' कहलाने का हक
'प्रेमिकाएं' चाहती रही.. 'अर्धांगिनी' कहलाने का हक
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
കവിതയുടെ ജനനം
കവിതയുടെ ജനനം
Heera S
मेरा नसीब मुझे जब भी आज़मायेगा,
मेरा नसीब मुझे जब भी आज़मायेगा,
Dr fauzia Naseem shad
*होली*
*होली*
Dr. Priya Gupta
हंसना आसान मुस्कुराना कठिन लगता है
हंसना आसान मुस्कुराना कठिन लगता है
Manoj Mahato
रमेशराज के बालगीत
रमेशराज के बालगीत
कवि रमेशराज
New Beginnings. 🌻
New Beginnings. 🌻
पूर्वार्थ
क्या  होता  है  नजराना  तुम क्या जानो।
क्या होता है नजराना तुम क्या जानो।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
वो जो हूबहू मेरा अक्स है
वो जो हूबहू मेरा अक्स है
Shweta Soni
"कुछ खास हुआ"
Lohit Tamta
मुक्तक
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
Loading...