तितली रानी
तितली रानी तितली रानी,
दिखती हो तुम बड़ी सयानी,
घुमड़ – घुमड़कर उड़ती हो,
हाथ किसी के नहीं तुम आनी ।
अपने रंग – बिरंगे पंख,
चलती हो लेकर नई तरंग,
मन भी चंचल हो जाता है,
उठती है जब छूने की उमंग ।
रंग तुम्हारा फूलों जैसा,
महक रहा हो खुशबू जैसा,
जब घर में तुम आती हो,
सबके मन को तुम भाती हो ।