तितली रानी
तितली रानी, तितली रानी
निकली तुम तो खूब सयानी
इतना तुम क्यों ललचाती हो
आएं पास तो उड़ जाती हो
भाती है सबको सुंदरता
सीखें तुमसे हम तत्परता
हमने सौ-सौ बार निहारे
सुंदर कितने पंख तुम्हारे
काहे इतना इठलाती तुम
दूर नगर को उड़ जाती तुम
©. अरशद रसूल