तितली बोली जुगनू राजा पास मुझे आ जाने दो
तितली बोली जुगनू राजा पास मुझे आ जाने दो !
भटक गयी हू पथ से अपने ज़रा उजाला आने दो !!
कैद किया था कुछ बच्चों ने मुझको अपने हाथों में !
किसी तरह से जान बचाकर आई काली रातों में !!
जुगनू बोला तितली रानी… कहो कहा तक पहुचाऊ !
साथ चलो अब उड़ो गगन में राह तुम्हे मै दिखलाऊ !!
हुआ सवेरा सूरज दादा से डर कर खो जाता हू !
मिले अँधेरा कही अगर तो वही बैठ सो जाता हू !!
रंग बिरंगी तितली रानी सबके मन को भाती हो !
नन्हे मुन्हे बच्चों के हाथों में क्यों नहीं आती हो ?
तितली बोली जुगनू राजा रात में टिम टिम करते हो !
कभी किसी का बुरा न चाहा फिर क्यों दिन में डरते हो !!
डरने की कोई बात नहीं जी बड़ो का आदर करता हू !
पहचान नहीं जो सक्ते दिन में बस उनसे ही डरता हू !!