तितलियों जैसे पल।
तितलियों जैसे पल मिलें तो ,
न पकड़ो उनको,
उन्हें अपने आसपास,
उड़ने, फड़फड़ाने दो,
ये जो हसीन वक्त मिला है,
उसे कैद करने की हवस में ,
उन्हें मत गुज़र जाने दो,
जब तक नज़दीक हैं,
उनकी सोहबत का लुत्फ़ उठाओ,
उनकी रंगीनियां सराहो,
उन्हें रंग फैलाने दो।
Kumar Kalhans