ताली दोगे तो ताली बजेगी
22 + 22 + 22 + 22 + 2
गाली दोगे तो गाली मिलेगी
ताली दोगे तो ताली बजेगी
ऐ ग़म के मारों, सच है यही तो
तन्हा हो तो तन्हाई डसेगी
चूर रहो तुम मस्ती में हरदम
खुशियों में शामिल बज़्म सजेगी।
सच्चा प्यार न ठुकराओ यारो
तुमको ये कमी हर वक़्त खलेगी
बेशक न समझ ये हक़ीक़त चाहे
ये वफ़ायें तेरे साथ चलेगी