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21 Apr 2021 · 1 min read

तालियां बजाओ चाहे —–( घनाक्षरी)

तालियां बजाओ चाहे, गालियां दे जाओ मुझे।
तुमने बुलाया है तो, कुछ तो सुनाऊंगा।।
श्रंगार पे गीत गाउं,वीरता से लढ़ जाऊं।
हास्य की ठिठोली से,तुमको रिझाऊंगा।।
बुलाओगे तो आऊंगा, मै तुमको ही पाऊंगा।
नहीं भी बुलाया गर,खुद चला आऊंगा।।
पहुंचा न जहां रवि , पंहुचते वहां कवि।
यारो मै भी कविराज,पहुंच ही जाऊंगा।।
कवि — राजेश व्यास अनुनय

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