तालिबान का राज
चांद पर पहुंच गए, मंगल को हमने छू लिया
वायुयानों ने दुनिया की दूरियां मिटा दी
लाइलाज बीमारियों का इलाज ढूंढ लिया
इंटरनेट ने अब लोगों की दूरियां भी मिटा दी।।
कैसी दुनिया में जी रहे है हम
गर्व होता है उन्नति देखकर
लेकिन जो आज दिख रहा है
शर्म आती है वो सब देखकर।।
जल्लादों के हाथों सत्ता कहीं चली गई
वहां अब ज़िंदगी लोगों की नर्क हो रही
लाचार बेबस है बच्चे और नर नारी वहां
फिर भी उनकी न कोई मदद हो रही।।
खौफ इस कदर पसरा है वहां पर
लोग जहाज़ की छतों पर चढ़ रहे
मौत दिख रही सामने लेकिन वो
मौत से बदत्तर जीवन से डर रहे।।
अपने कलेजे के टुकड़ों को माताएं
विदेशी फौजियों को यहां सौंप रही
बेबस और लाचार दिख रही है बहनें वहां
हृदय विदारक दृश्य दुनिया कैसे देख रही।।
मजबूरी क्या है जो उनका स्वागत हो रहा
चीख रही जनता सहायता के लिए हमसे
फिर चीखें उनकी क्यों नहीं सुन रही हमें
मालूम नहीं इतने बहरे हो गए हम कबसे।।
अब इंसानियत के नाते आतंकियों से
मासूम लोगों को बचाना ही होगा
आज नहीं तो कल निश्चित ही हमको
उनके खिलाफ शस्त्र उठाना ही होगा।।