ताला
हाँ मैं हूँ ताला,
घर का रखवाला,
भरोसे वाला।
बनके माला,
लटकने ही वाला,
हूँ मतवाला।
ईमान वाला,
घर या मधुशाला,
सब संभाला।
बिना निवाला,
सुरक्षा देने वाला,
खुशी का प्याला।
उम्मीदों वाला,
दरवाजे पे ताला,
जड़ ही डाला।
रात हो काला,
या दिन का उजाला,
पहरा डाला।
एकांत पाला,
चुप रहने वाला,
पीता हूँ हाला।
सबसे आला,
बड़ा तपस्वी वाला,
थोड़ा निराला।
सिक्ख या लाला,
न कोई धर्म वाला,
हूँ एक ताला।
-लक्ष्मी सिंह
नई दिल्ली