ताला-चाबी
घर के दरवाजे में लटका दो ताला,
खोल सके न कोई बिन चाबी के ताला,
दूर-दूर तक सैर कर आओ,
ताला लगा कर निश्चिंत हो जाओ,
चोर अजनबी हो जाते हैं हैरान ,
ताला होता है सुरक्षा की पहचान ,
अलीगढ़ का ताला है मशहूर ,
होता है बहुत ही मजबूत ,
बिन चाबी के खुलता नहीं ताला ,
बिन ताले के चाबी है बेकार ,
हर एक ताले की होती है चाबी ,
ताला चाबी एक दूसरे का साथ निभाती ।
रचनाकार
बुद्ध प्रकाश
मौदहा हमीरपुर ।