तारा टूटे, कभी ना जुड़े l
तारा टूटे, कभी ना जुड़े l
अलग दिशा दिशा,
अलग दशा दशा,
सहज बटे बटे,
टूटे तुकडे तुकडे ll
ना मिलने बिखरे बिखरे
कोई किधर पड़े,
कोई किधर गड़े l
मन मन,
न चमके, न दमके,
जैसे जड़ से उखड़े उखड़े ll
अरविन्द व्यास “प्यास”
व्योमत्न