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16 Feb 2022 · 1 min read

तारक छंद

?
!! श्रीं !!
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तारक छंद- मापनीयुक्त वर्णिक
112 112 112 112 2
*******************
करते विनती तुमसे जगदम्बे ।
कर थाम हमें वर दो अब अम्बे ।।
उर में कुछ नूतन भाव भरो माँ ।
स्वर साध सदा उपकार करो माँ ।।
*
जब भी दुख हो घबरा मत जाना ।
प्रभु को उर में‌ अपने बिठलाना ।।
सब कष्ट हटें सुख के दिन आयें ।
अपना पथ आप निरंतर पायें ।।
*
राधे…राधे….!
?
महेश जैन ‘ज्योति’,
मथुरा ।
***
???

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 317 Views
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