Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 May 2024 · 1 min read

तानाशाह के मन में कोई बड़ा झाँसा पनप रहा है इन दिनों। देशप्र

तानाशाह के मन में कोई बड़ा झाँसा पनप रहा है इन दिनों। देशप्रेम के आसपास एक बारीक सा झाँसा बुनने का मन है उसका, एक जाल, जिसमें प्रेम का तानाशाह फँस जाए और लोकतंत्र का आदिमराग समाप्त हो। एक बार इस देश से प्रेम ख़त्म हो तो वह नफ़रत की अपनी सत्ता स्थापित करे।
तानाशाही की रीढ़ होती है नफ़रत।

ऐसे ही तानाशाह के चंगुल में फँसे देश की कहानी है यह।

-ज्ञान चतुर्वेदी/ ‘एक तानाशाह की प्रेमकथा’ उपन्यास से

1 Like · 87 Views

You may also like these posts

सबको
सबको
Rajesh vyas
विक्रमादित्य के बत्तीस गुण
विक्रमादित्य के बत्तीस गुण
Vijay Nagar
विदाई गीत
विदाई गीत
Dr Archana Gupta
आवाजें
आवाजें
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
गुलाब
गुलाब
Shutisha Rajput
शिवा कहे,
शिवा कहे, "शिव" की वाणी, जन, दुनिया थर्राए।
SPK Sachin Lodhi
सरकार हैं हम
सरकार हैं हम
pravin sharma
सदैव खुश रहने की आदत
सदैव खुश रहने की आदत
Paras Nath Jha
यह मूर्दों की बस्ती है
यह मूर्दों की बस्ती है
Shekhar Chandra Mitra
आपसे कोई लड़की मोहब्बत नही करती बल्की अपने अंदर अंतर्निहित व
आपसे कोई लड़की मोहब्बत नही करती बल्की अपने अंदर अंतर्निहित व
Rj Anand Prajapati
Blabbering a few words like
Blabbering a few words like " live as you want", "pursue you
Chaahat
एक दीप प्रेम का
एक दीप प्रेम का
Mamta Rani
मुफ्त की खुशियां
मुफ्त की खुशियां
Kshma Urmila
कृतज्ञता
कृतज्ञता
Girija Arora
क्रिसमस दिन भावे 🥀🙏
क्रिसमस दिन भावे 🥀🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
"सोच खा जाती हैं"
ओसमणी साहू 'ओश'
21) इल्तिजा
21) इल्तिजा
नेहा शर्मा 'नेह'
नींव_ही_कमजोर_पड़_रही_है_गृहस्थी_की___
नींव_ही_कमजोर_पड़_रही_है_गृहस्थी_की___
पूर्वार्थ
3761.💐 *पूर्णिका* 💐
3761.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
कुएं का मेंढ़क
कुएं का मेंढ़क
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
तन के तो उजरे बहुत
तन के तो उजरे बहुत
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
पंडिताइन (लघुकथा)
पंडिताइन (लघुकथा)
Indu Singh
शुभ को छोड़ लाभ पर
शुभ को छोड़ लाभ पर
Dr. Kishan tandon kranti
सीख का बीज
सीख का बीज
Sangeeta Beniwal
यथार्थ से दूर का नाता
यथार्थ से दूर का नाता
Dr MusafiR BaithA
देश हमारी आन बान हो, देश हमारी शान रहे।
देश हमारी आन बान हो, देश हमारी शान रहे।
सत्य कुमार प्रेमी
..
..
*प्रणय*
यादों के शहर में
यादों के शहर में
Madhu Shah
अरे ! पिछे मुडकर मत देख
अरे ! पिछे मुडकर मत देख
VINOD CHAUHAN
आज का दौर
आज का दौर
Shyam Sundar Subramanian
Loading...