तानाशाहों का अंज़ाम
सारे तानाशाहों के एक दिन
जोश ठिकाने लग जाते हैं
वक्त की मार ऐसी पड़ती कि
होश ठिकाने लग जाते हैं…
(१)
अपने आपको तुम लोगों ने
आख़िर समझ क्या रखा है
यहां बड़े-बड़े हिटलरजादे भी
ख़ामोश ठिकाने लग जाते हैं…
(२)
पुलिस और फ़ौज के दम पे
ढाए जाने वाले ज़ुल्मों से
जब बढ़ता है आम जनता का
आक्रोश ठिकाने लग जाते हैं…
(३)
सच के लिए सुकरात कोई
उठाता जब प्याला ज़हर का
तो मज़हब और सियासत के
नकाबपोश ठिकाने लग जाते हैं…
(४)
शायद तुमने इस दुनिया का
इतिहास ठीक से नहीं पढ़ा
दौलत, ताक़त और रूतबे के
मदहोश ठिकाने लग जाते हैं…
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra
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