ताज़्जुब कैसा?
लाज़िम है कि गैरत मर जाए
जाहिर है कि ज़मीर खो जाए!
जब किसी देश का रखवाला ही
उसका एक क़ातिल हो जाए!!
आजकल मीडिया सुना रही
जिस तरह से राग दरबारी!
ताज़्जुब कैसा अगर जनता
गफलत की नींद में सो जाए!!
Shekhar Chandra Mitra
#जनवादीगीतकार #अवामीशायर
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