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9 Aug 2023 · 1 min read

ताक पर रखकर अंतर की व्यथाएँ,

ताक पर रखकर अंतर की व्यथाएँ,
पीड़ाओं के हृदय पर हास लिख दो।
शुष्क जीवन के द्रवित-ठूंठे -तरु पर,
मधु-मिश्रित मलयमय मधुमास लिख दो।
©ऋतुपर्ण

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