“ताकीद”
तल्खियों से सिमट जाएंगी निशानियां।
इश्क के पन्नों से मिट जाएंगी कहानियां।
तुम अगर बाज नहीं आओगे करते रहोगे नादानियां।
जो हैं पास तुम्हारे वह दूर हो जाएंगी परछाइयां।
जो लोग रिश्तो से करते हैं बेईमानयां।
उनको जिंदगी में मिलती है रुसवाईयां।
“समीर”