ताई आले कावड ल्यावां-डाक कावड़िया
ताई आले कावड ल्यावां-डाक कावड़िया
ताई आले चाल साथ मैं, कांवड़ ल्यावांगें।
बम–बम भोले के जयकारे, खूब लगावांगें॥
बैठ ले गाड़ी मौका सै यो, फेर ना आवैंगा
माँ-बाबू तैं पूच्छ ले कावड, का सुख पावैगा
सावण के महिने मैं नाचांगें, अर, गावांगें।
बम–बम भोले के जयकारे, खूब लगावांगें॥
पहले जा कै हरिद्वार मैं, गंगा नहावांगें
मंदिर सारे घूम के शिव के, दर्शन पावांगें।
डाक कांवड़ नै कांधे रख कै, खूब भगावांगें
बम–बम भोले के जयकारे, खूब लगावांगें॥
सौ-सौ मीटर भागागें, अर जौर लगावांगें
चौबीस घंटे तै पहले, कांवड़ नै चढावांगें।
छाले पड़ ज्या पैर मैं बेशक, ना घबरावांगें।
बम–बम भोले के जयकारे, खूब लगावांगें॥
© अरविन्द भारद्वाज