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8 Nov 2024 · 1 min read

तहक़ीर

जाहिलों के हुज़ूम में
ख़िरद की क़ीमत कहाँ ?

हैवानियत के आलम में
हमदर्दी की शु’आ’ कहाँ ?

चोरों के बाज़ार में
ईमानदारों का वुजूद कहाँ ?

बे-हयाई की महफ़िल में
शर्मिंदग़ी का एहसास कहाँ ?

ज़रदार की निग़ाह में
मुफ़लिस की हस्ती कहाँ ?

ज़ुल्म -ओ- तशद्दुद के निज़ाम में
इंसाफ़ की आस कहाँ ?

मुंकिर की नज़र में
निस्बत -ए – बंदगी कहाँ ?

Language: Hindi
18 Views
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