तल्ख़ लहज़े का शायर
यह मुल्क हमारे लिए
नर्क रहेगा जब तक!
जात-पात के नाम पर
फ़र्क रहेगा जब तक!
मेरी शायरी का लहज़ा
तल्ख़ रहेगा तब तक!
रीति-रिवाजों का बंधन
सख़्त रहेगा जब तक!
Shekhar Chandra Mitra
यह मुल्क हमारे लिए
नर्क रहेगा जब तक!
जात-पात के नाम पर
फ़र्क रहेगा जब तक!
मेरी शायरी का लहज़ा
तल्ख़ रहेगा तब तक!
रीति-रिवाजों का बंधन
सख़्त रहेगा जब तक!
Shekhar Chandra Mitra