Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Oct 2023 · 1 min read

*तलवार है तुम्हारे हाथ में हे देवी माता (घनाक्षरी: सिंह विलो

तलवार है तुम्हारे हाथ में हे देवी माता (घनाक्षरी: सिंह विलोकित छंद)
————————————-
तलवार है तुम्हारे हाथ में हे देवी माता
भाला गदा और चक्र करता प्रहार है
प्रहार है समस्त फैली हुई दुष्ट वृत्ति पर
हार है लिखी जो कर रहा अनाचार है
अनाचार है नहीं सहन तुम्हें किसी भाँति
सिंह करता दहाड़ शुभ बार-बार है
बार-बार है दहाड़ गूँज रही विश्व-भर
चलती तुम्हारी शेरों वाली तलवार है
—————————————
रचयिता:रवि प्रकाश

495 Views
Books from Ravi Prakash
View all

You may also like these posts

आश्रम
आश्रम
इंजी. संजय श्रीवास्तव
तुम भूल जाना मुझे
तुम भूल जाना मुझे
Jyoti Roshni
"यह सही नहीं है"
Ajit Kumar "Karn"
कभी-कभी
कभी-कभी
Ragini Kumari
कोई काम जब मैं ऐसा करता हूं,
कोई काम जब मैं ऐसा करता हूं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
शायरी
शायरी
Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661
दीप का सच
दीप का सच
Neeraj Agarwal
*** अहसास...!!! ***
*** अहसास...!!! ***
VEDANTA PATEL
ज़िन्दगानी में
ज़िन्दगानी में
Dr fauzia Naseem shad
तनहा विचार
तनहा विचार
Yash Tanha Shayar Hu
* आ गया बसंत *
* आ गया बसंत *
surenderpal vaidya
*भारत माता के लिए , अनगिन हुए शहीद* (कुंडलिया)
*भारत माता के लिए , अनगिन हुए शहीद* (कुंडलिया)
Ravi Prakash
सुंदरी सवैया
सुंदरी सवैया
Rambali Mishra
यात्रा ब्लॉग
यात्रा ब्लॉग
Mukesh Kumar Rishi Verma
सबके सुख में अपना भी सुकून है
सबके सुख में अपना भी सुकून है
Amaro
इश्क के सात मुकाम
इश्क के सात मुकाम
पूर्वार्थ
हुकुम की नई हिदायत है
हुकुम की नई हिदायत है
Ajay Mishra
यह कैसा पागलपन?
यह कैसा पागलपन?
Dr. Kishan tandon kranti
जिंदगी सीरीज एक जब तक है जां
जिंदगी सीरीज एक जब तक है जां
DR ARUN KUMAR SHASTRI
अभिमानी  इस जीव की,
अभिमानी इस जीव की,
sushil sarna
#व्यंग्य
#व्यंग्य
*प्रणय*
पहचान लेता हूँ उन्हें पोशीदा हिज़ाब में
पहचान लेता हूँ उन्हें पोशीदा हिज़ाब में
Shreedhar
दर्शन एवं विज्ञान (Philosophy and Science)
दर्शन एवं विज्ञान (Philosophy and Science)
Acharya Shilak Ram
नूर ओ रंगत कुर्बान शक्ल की,
नूर ओ रंगत कुर्बान शक्ल की,
ओसमणी साहू 'ओश'
भारत की कांति
भारत की कांति
श्याम सांवरा
राम ही बनाएंगे बिगड़े काम __
राम ही बनाएंगे बिगड़े काम __
Rajesh vyas
शबरी की भक्ति
शबरी की भक्ति
Indu Nandal
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
2906.*पूर्णिका*
2906.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जब छा जाए गर तूफ़ान
जब छा जाए गर तूफ़ान
Meera Thakur
Loading...