-: {{ तलब }} :-
न उससे पहले किसी की आरज़ू
न उसके बाद किसी की तलब होती है ,,
एक बार जो हो जाये किसी से मोहब्बत तो
ख़ुदा की इबादत भी इश्क़ के बाद होती है,,
न उससे पहले किसी की आरज़ू
न उसके बाद किसी की तलब होती है ,,
एक बार जो हो जाये किसी से मोहब्बत तो
ख़ुदा की इबादत भी इश्क़ के बाद होती है,,