तमाशबीन बन जो जियेगा
तमाशबीन बन जो जियेगा
तमाशबीन बन जो जियेगा
तहजीब के होगा खिलाफ
तौहीन संस्कारों की जो करेगा
धर्म के होगा खिलाफ
प्रहार जो मानवता पर करेगा
सभ्यता के होगा खिलाफ
जीवन को जो तपोभूमि न समझेगा
समाज के होगा खिलाफ
भृष्ट आचरण के साथ जो जियेगा
देश के होगा खिलाफ
तबाह जो स्वयं को करेगा
वह होगा जीवन के खिलाफ
तौहीन जो शिक्षा की करेगा
वह होगा ज्ञान के खिलाफ
तंगहाल जो जियेगा
वह पायेगा संघर्षपूर्ण जीवन
चूम लेगा एक दिन गगन को
बन कर धरा का नूर
संस्कारों की बात जो करेगा
सुसंस्कृत होगा समाज
मानव दुःख को जो हरेगा
नहीं होगा मानवता पर त्रास
देश समर्पित जो होगा
अमर शहीद कहला जियेगा
जो ज्ञान की करेगा परवाह
शारदे अनुकम्पा होगा पात्र
जीवन को जो जियेगा
होगा परमात्मा को प्राप्त
तमाशबीन बन जो जियेगा
तहजीब के होगा खिलाफ