ज़माने वाले जिसे शतरंज की चाल कहते हैं
तमाम राजो का भी राज दफन रखते हैं
रकीबों की हर चाल पे बारीक नजर रखते हैं
है सारी कायनात हमारी शख्सियत की कायल
समंदर पार भी सब अपना जिक्र करते हैं
अपनी उंगलियों का अदना सा शौक है “अयन”
जमाने वाले जिसे शतरंज की चाल कहते हैं
(स्वरचित मौलिक रचना)
M.Tiwari”Ayan”