तमन्ना उसे प्यार से जीत लाना।
गज़ल
122/122/122/122
तमन्ना उसे प्यार से जीत लाना।
कि आएगा इक दिन समाॅं वो सुहाना।1
जहां जानता है वो चाहत है मेरी,
जिसे चाहता हूं उसी ने न जाना।2
यही तो है मुश्किल कि सब जानते हैं,
कि मिलने न देगा ये जालिम जमाना।3
न ज्यादा तो इतना मयस्सर हो या रब,
मिले सबको कपड़ा मकां और खाना।4
जो तुमने छुए है गगन चांद तारे,
मेरा भी इरादा है सूरज को पाना।5
जो दर्दे जिगर में भी राहत दे सबको,
वो नगमा कोई प्यार का गुनगुनाना।6
मिटेगी जहां से सभी दुश्मनी भी,
बनो ‘प्रेमी’ सबको गले से लगाना।7
……..✍️ सत्य कुमार प्रेमी