Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Mar 2023 · 1 min read

तब याद तुम्हारी आती है (गीत)

तब याद तुम्हारी आती है
=============

मन-बन के बीच झरोंखो से,
ये पुरवाई जब चलती है |
और पवन के इन झोंको से ,
मन में ज्योति सी जलती है |
मन हूंक –हूंक रह जाता है ,
जब कोयल गीत सुनाती है |
तब याद तुम्हारी आती है ||

चांदनी रात में तारों से ,
ये तनहा मन जब मिलता है |
रिमझिम सावनी फुहारों से ,
तब पुष्प ह्रदय में खिलता है |
जब बिह्वल दुपहरी में होकर ,
टीटहरी टेर लगाती है ….|
तब याद तुम्हारी आती है ||

तरुणाई से यौवन मिलता ,
बात-बात पर हरसाता है |
भौरां भी जब पात-पात पर ,
सरस मधुर गीत सुनाता है |
बौराये आमो की डलियो
से, मंद हवा टकराती है |
तब याद तुम्हारी आती है ||

प्रकृति ये जब युवती बनती ,
तो समिर गुलाल उडाता है |
फूलों से रस चोरी कर भी ,
ये अम्बुद गीत सुनाता है |
बगिया में अठखेली करने ,
जब तितली मुझे बुलाती है|
तब याद तुम्हारी आती है ||

नीरज भी जब नीर सेज पर,
जब मंद-मंद मुसकाता है |
और उषा की किरणे लेकर ,
जग में दिवाकर आता है |
तो हिय में भी जलती मेरे ,
क्यों ये प्रीत की बाती है |
तब याद तुम्हारी आती है ||

थककर तपता दिनकर जब भी ,
अपने निजघर को चलता है |
मेरे “तनहा” मन में उसपल ,
कैसा मधुर भाव पलता है |
चहक-चहककर इस पीपल पर ,
जब-जब भी बिहंगे गातीं है |
तब याद तुम्हारी आती है ||

Language: Hindi
Tag: गीत
2 Likes · 503 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
ज़हर क्यों पी लिया
ज़हर क्यों पी लिया
Surinder blackpen
घर - परिवार
घर - परिवार
manorath maharaj
इंसानियत का वजूद
इंसानियत का वजूद
Shyam Sundar Subramanian
दीवानी कान्हा की
दीवानी कान्हा की
rajesh Purohit
ना कहीं के हैं हम - ना कहीं के हैं हम
ना कहीं के हैं हम - ना कहीं के हैं हम
Basant Bhagawan Roy
आसान बात नहीं हैं,‘विद्यार्थी’ हो जाना
आसान बात नहीं हैं,‘विद्यार्थी’ हो जाना
Keshav kishor Kumar
हरी भरी तुम सब्ज़ी खाओ|
हरी भरी तुम सब्ज़ी खाओ|
Vedha Singh
घर हो तो ऐसा
घर हो तो ऐसा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
17== 🌸धोखा 🌸
17== 🌸धोखा 🌸
Mahima shukla
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
रंगों के पावन पर्व होली की आप सभी को हार्दिक बधाइयाँ एवं शुभ
रंगों के पावन पर्व होली की आप सभी को हार्दिक बधाइयाँ एवं शुभ
आर.एस. 'प्रीतम'
पंछियों का कलरव सुनाई ना देगा
पंछियों का कलरव सुनाई ना देगा
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
कहना तुम ख़ुद से कि तुमसे बेहतर यहां तुम्हें कोई नहीं जानता,
कहना तुम ख़ुद से कि तुमसे बेहतर यहां तुम्हें कोई नहीं जानता,
Rekha khichi
दोस्तो जिंदगी में कभी कभी ऐसी परिस्थिति आती है, आप चाहे लाख
दोस्तो जिंदगी में कभी कभी ऐसी परिस्थिति आती है, आप चाहे लाख
Sunil Maheshwari
सुख हो या दुख बस राम को ही याद रखो,
सुख हो या दुख बस राम को ही याद रखो,
सत्य कुमार प्रेमी
"बैठे हैं महफ़िल में इसी आस में वो,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
लंगड़ी किरण (यकीन होने लगा था)
लंगड़ी किरण (यकीन होने लगा था)
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
आराधना
आराधना
Kanchan Khanna
सुख मिलता है अपनेपन से, भरे हुए परिवार में (गीत )
सुख मिलता है अपनेपन से, भरे हुए परिवार में (गीत )
Ravi Prakash
मैं भागीरथ हो जाऊ ,
मैं भागीरथ हो जाऊ ,
Kailash singh
"तेरा साथ है तो"
Dr. Kishan tandon kranti
कोई मुरव्वत नहीं
कोई मुरव्वत नहीं
Mamta Singh Devaa
😊 चलो हॉट सीट पर 😊
😊 चलो हॉट सीट पर 😊
*प्रणय*
मनु
मनु
Shashi Mahajan
4089.💐 *पूर्णिका* 💐
4089.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
कहा हों मोहन, तुम दिखते नहीं हों !
कहा हों मोहन, तुम दिखते नहीं हों !
The_dk_poetry
हिंदी दोहे - उस्सव
हिंदी दोहे - उस्सव
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
जीवन सुंदर गात
जीवन सुंदर गात
Kaushlendra Singh Lodhi Kaushal
उसका आना
उसका आना
हिमांशु Kulshrestha
!..............!
!..............!
शेखर सिंह
Loading...