– तब मेरे पास चले आना( कागज, कलम,पुस्तक के पास चले आना,)
– तब मेरे पास चले आना(कागज,कलम ,पुस्तक के पास चले आना,)-
जब मन उदेवलित हो जाए,
जब वेदनाएं सताए,
मन निराशाओं से भर जाए,
तब मेरे पास चले आना,
जब दिल तेरा घबराए,
कुछ भी समझ न आए,
सब तेरे खिलाफ हो जाए,
कोई साथ न तेरे पाए,
मन कुंठा से भर जाए,
मन विचलित जब हो जाए,
दुनिया खिलाफ हो जाए,
तब मेरे पास चले आना,
सब जगह नफरत जब फैल जाए,
प्यार कही न पाए,
जब तुमसे कोई राजनीति कर जाए,
चारो और से खुद को घिरा पाए,
सब रिश्ते – नाते जब टूट जाए,
कुछ अपने तुझे सताए,
जब मन कही न लग जाए,
तब मेरे पास चले आना,
जब यह दुनिया मंदिर – मस्जिद में उलझाए,
ईश्वर को पृथक कर जाए,
भरत जब तुझे ज्ञान की जरूरत पड़ जाए,
गहलोत तब मेरे पास चले आना,(कागज,कलम,पुस्तक के पास,)
भरत गहलोत
जालोर राजस्थान,
संपर्क सूत्र-7742016184-