Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Apr 2020 · 1 min read

तब मां याद आती है

जब चोट गहरी लगती है
तब मां याद आती है…
कभी प्यार कभी दुलार
तो कभी डांट से समझाती है…..
दूर मत जाना, खो जाओगे
गिर गए तो चोटिल हो जाओगे
बार बार यही याद दिलाती है……
पर… पर हम कहां सुनते हैं
उल्टा उसे सुनाते हैं….
देखो चांद मंगल तक
जा आए हम…
जहां जंगल थे कल
वहां बस्तियां बसा आए हम…
खेतों को उजाड़
कारखाने सजा आए हम…
पुराने ख्यालों की हो,
नहीं समझोगी तुम
हर बार यही कहते आए हम…..
लेकिन जब गिरते हैं
और चोट गहरी लगती है
तब ..तब मां ही याद आती है…..
इस बार ….इस बार शायद
वो ज्यादा ही नाराज़ है
जो सुनी नहीं अब तक फरियाद है
लेकिन है तो मां ही आखिर
हर बार तो माफ़ करती अाई है
अब भी गले लगाएगी
ममता भी बरसाएगी…
पर हमको भी समझना होगा
कहां भूल हुई ये तो सोचना होगा
माफ करते करते कहीं
वो छोड़ ही न जाए हमें
इसलिए ….
सम्भल कर पग धरना होगा
अपनी तेज़ रफ्तार को
थोड़ा तो विराम देना होगा ।।

Language: Hindi
4 Likes · 4 Comments · 295 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
चलते-फिरते लिखी गई है,ग़ज़ल
चलते-फिरते लिखी गई है,ग़ज़ल
Shweta Soni
नव संवत्सर आया
नव संवत्सर आया
Seema gupta,Alwar
ଡାକ ଆଉ ଶୁଭୁ ନାହିଁ ହିଆ ଓ ଜଟିଆ
ଡାକ ଆଉ ଶୁଭୁ ନାହିଁ ହିଆ ଓ ଜଟିଆ
Bidyadhar Mantry
मन   पायेगा   कब   विश्रांति।
मन पायेगा कब विश्रांति।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
एक और बलात्कारी अब जेल में रहेगा
एक और बलात्कारी अब जेल में रहेगा
Dhirendra Singh
जिंदगी और जीवन में अपना बनाएं.....
जिंदगी और जीवन में अपना बनाएं.....
Neeraj Agarwal
छिप गई वो आज देखो चाँद की है चाँदनी
छिप गई वो आज देखो चाँद की है चाँदनी
Dr Archana Gupta
4161.💐 *पूर्णिका* 💐
4161.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
*कभी पहाड़ों पर जाकर हिमपात न देखा क्या देखा (मुक्तक)*
*कभी पहाड़ों पर जाकर हिमपात न देखा क्या देखा (मुक्तक)*
Ravi Prakash
प्रेम सदा निष्काम का ,
प्रेम सदा निष्काम का ,
sushil sarna
दुरीयों के बावजूद...
दुरीयों के बावजूद...
सुरेश ठकरेले "हीरा तनुज"
हम आगे ही देखते हैं
हम आगे ही देखते हैं
Santosh Shrivastava
रावण जलाने का इरादा लेकर निकला था कल
रावण जलाने का इरादा लेकर निकला था कल
Ranjeet kumar patre
कभी कभी आईना भी,
कभी कभी आईना भी,
शेखर सिंह
“Mistake”
“Mistake”
पूर्वार्थ
कोई वजह अब बना लो सनम तुम... फिर से मेरे करीब आ जाने को..!!
कोई वजह अब बना लो सनम तुम... फिर से मेरे करीब आ जाने को..!!
Ravi Betulwala
खुद को सही और
खुद को सही और
shabina. Naaz
पारस्परिक सहयोग आपसी प्रेम बढ़ाता है...
पारस्परिक सहयोग आपसी प्रेम बढ़ाता है...
Ajit Kumar "Karn"
रामलला के विग्रह की जब, भव में प्राण प्रतिष्ठा होगी।
रामलला के विग्रह की जब, भव में प्राण प्रतिष्ठा होगी।
डॉ.सीमा अग्रवाल
सारी दुनिया में सबसे बड़ा सामूहिक स्नान है
सारी दुनिया में सबसे बड़ा सामूहिक स्नान है
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
" प्रार्थना "
Chunnu Lal Gupta
जहां काम तहां नाम नहि, जहां नाम नहि काम ।
जहां काम तहां नाम नहि, जहां नाम नहि काम ।
Indu Singh
मेरा आसमां 🥰
मेरा आसमां 🥰
DR ARUN KUMAR SHASTRI
"वाह रे जमाना"
Dr. Kishan tandon kranti
अब बहुत हुआ बनवास छोड़कर घर आ जाओ बनवासी।
अब बहुत हुआ बनवास छोड़कर घर आ जाओ बनवासी।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
नज्म- नजर मिला
नज्म- नजर मिला
Awadhesh Singh
******** कुछ दो कदम तुम भी बढ़ो *********
******** कुछ दो कदम तुम भी बढ़ो *********
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
😊एक दुआ😊
😊एक दुआ😊
*प्रणय*
माँ
माँ
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
🙏 *गुरु चरणों की धूल*🙏
🙏 *गुरु चरणों की धूल*🙏
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
Loading...