तबीयत
तबीयत कितनी भी खराब हो
जब स्पर्श मिलता है
किसी अपने की हथेलियों का,
रोम रोम पुलकित हो उठता है
और वह हल्का सा
मुलायम स्पर्श
संचारित हो जाता है
शरीर में
दवा बन कर,
दुआ बन कर।
तबीयत कितनी भी खराब हो
जब स्पर्श मिलता है
किसी अपने की हथेलियों का,
रोम रोम पुलकित हो उठता है
और वह हल्का सा
मुलायम स्पर्श
संचारित हो जाता है
शरीर में
दवा बन कर,
दुआ बन कर।