”तबाह मोहोब्बत ”
रुसवा तुम हुई खफा मेरी नींदे हुई
मुह मोड के तुम गयी जिंदगी तबाह मेरी हुई ,,
जिसे रब से ज्यादा चाहा उस सनम की बेरूखी देख कर
उस रब ने भी कुछ आँसू तो बहा ही दिये होंगे ,,
क्या बया करूँ अब हाल-ए-दिल अपना
के अब तो सावन भी बंजर नजर आता है ,,
तेरी दी हुई तकलीफ़ों ने कुछ इस कदर मरीज़ बनाया है
की मुझे स्वाद मीठे पानी में भी जहर का आया है ,,
दिल के चैन और सुकून का ठिकाना ही नहीं
तुझसे दूरियों के दर्द का कोई पैमाना ही नहीं ,,
लाख रोये दिल मेरा चाहे अब कितना पर तेरी गली
”मेरी जान ” मुझे अब जाना ही नहीं …….
Written By; Ladduuuu1023 ladduuuu