तपना
✒️?जीवन की पाठशाला ??️
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की जो व्यक्ति हमारी बातों को ना समझ पाए /ना समझना चाहता हो या जो हमारी बातों को तवज्जो ना दे उनके सामने मौन हो जाना सर्वश्रेष्ठ है …,
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की जिंदगी में अपनी कीमत बढ़ानी है तो तपना पड़ेगा -सहना पड़ेगा ,एक पत्थर की कीमत नहीं लेकिन जब वही पत्थर ठुक ठुक कर जब मूर्ती का रूप ले लेती है तो कीमत …एक सादे भुट्टे की कीमत और एक तपे -सिके भुट्टे की कीमत फ़र्क़ …दूध की कीमत और उसी दूध से बने घी की कीमत …,
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की वक़्त से बड़ा बादशाह कोई नहीं है ,जब वक़्त बुरा आता है तो बादशाह की भी सारी बादशाहत -सारा पैसा -रुतबा कुछ नहीं कर पाता और जब वक़्त आपके पक्ष का आता है तो एक जर्रे को भी आफताब बना देता है ….,
आखिर में एक ही बात समझ आई कुछ लोगों का काम केवल बुराई करना -तानाकशी करना -कमियां निकालना होता है पहले गुस्सा आता था ऐसे लोगों पर फिर समझ आया की खाली दिमाग और खाली बर्तन हमेशा बेसुरी आवाजें ही निकालते हैं …!
बाक़ी कल , अपनी दुआओं में याद रखियेगा ?सावधान रहिये-सुरक्षित रहिये ,अपना और अपनों का ध्यान रखिये ,संकट अभी टला नहीं है ,दो गज की दूरी और मास्क ? है जरुरी …!
?सुप्रभात?
स्वरचित एवं स्वमौलिक
“?विकास शर्मा’शिवाया ‘”?
जयपुर-राजस्थान