तन के तो उजरे बहुत
दिनांक -२६/१०/२३
#कुण्डलिया
रस-व्यंग
तन के तो उजरे बहुत,मन के काले लोग।
ऐसे सबद परोसते,जैसे मिसरी भोग।।
जैसे मिसरी भोग,लगे मीठा ही मीठा।
बोलें मीठे बोल,लुभाते हैं वो पल में।
पारंगत वो खूब, दिखाई देते छल में।।
कहै अटल कविराय,दूर रहना उन जन से।
होते घातक लोग, दिखें जो उजरे तन के।।
🙏#अटल #मुरादाबादी 🙏
९६५०२९११०८