तन की परिधि से
तन की परिधि से बाहर
आओगे तभी तो
मन की बातें समझ आयेंगी
अन्यथा हुए तो
एक इंसान बनकर पैदा तुम
एक पशु की तरह ही
संवेदनाओं को कभी
खुद के भीतर धारण किये
बिना
तुम उसी अवस्था में स्वयं को
किसी दिन मृत पाओगे
कितने भी शरीर पर
गेरुए वस्त्र धारण कर लो
तुलसी की राम नाम की माला
जपते रहो
मंदिर के अहाते में बैठ
प्रभु की अर्चना करते रहो
जिसने मां बाप का अनादर किया और
नहीं त्यागा सांसारिक सुखों को
उसका कायाकल्प न होगा जीवन भर
इस जन्म में तो
न मिलेगा उसे रिश्तों के संसार में
रहते हुए भी
किसी अनमोल रिश्ते का सानिध्य भोगने का
सुख।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001