तन्हा यादें
तन्हा हुए हैं कुछ इस कदर तुम्हारी यादों में.
तुम्हारे हर एक झूठ और फरेबी वादों मे.
रुलाती क्यों है ए जिंदगी
जब उन्हें आना ही नहीं हमारी यादों में.
तन्हा हुए हैं कुछ इस कदर तुम्हारी यादों में.
तुम्हारे हर एक झूठ और फरेबी वादों मे.
रुलाती क्यों है ए जिंदगी
जब उन्हें आना ही नहीं हमारी यादों में.