तन्हाई
ज़िन्दगी की शाम आहिस्ता-2 ढ़लने को है,
तन्हाई की रात चाँदनी दिल ज़लाने को है,
बदलते रहेगें करवटे रात ढ़सने को है,
फ़िर वहीं सुबह ज़िन्दगी जीने को हैं।।
ज़िन्दगी की शाम आहिस्ता-2 ढ़लने को है,
तन्हाई की रात चाँदनी दिल ज़लाने को है,
बदलते रहेगें करवटे रात ढ़सने को है,
फ़िर वहीं सुबह ज़िन्दगी जीने को हैं।।