तन्हाई
दूर होकर तन्हाईयाँ मेरे पास कर दी हैं
तुमने मेरी सुबह-शामें उदास कर दी हैं।
और तो कुछ नहीं बस इतना हुआ है
पानी में रख ज़िन्दग़ी प्यास कर दी है। ।
स्वरचित- सुषमा शर्मा “दीया”
दूर होकर तन्हाईयाँ मेरे पास कर दी हैं
तुमने मेरी सुबह-शामें उदास कर दी हैं।
और तो कुछ नहीं बस इतना हुआ है
पानी में रख ज़िन्दग़ी प्यास कर दी है। ।
स्वरचित- सुषमा शर्मा “दीया”