तन्हाई
अपने पहले प्यार के नाते।
इतना ऐहसां तो कर जाते।
कुछ तो बातें करतीं मुझसे
दीवारों से कहकर जाते।
बड़ी सजा है जिंदा रहना,
मरने की कुछ जुगत बताते।
कुछ तो मान प्यार का रखते,
ऐसे तन्हा छोड़ न जाते।
पहले ही मरते थे तुम पर,
तुम कहते सचमुच मर जाते।
जाने क्यों कर दीवानों को,
इतना ज्यादा लोग सताते।
छोड़ गए तुम पर दिमाग में,
ख्वाब तुम्हारे आते जाते।
संजय नारायण