तन्हाई एक रूप अनेक
एक तन्हाई के अलग अलग अफसाने ,
कोई इसे सुकून तो कोई इसे दर्द माने ।
शायर हो या कोई फनकार के नजरिए से,
शाहकार को शक्ल मिले तन्हाई के बहाने ।
जो इश्क करते है खुदा से वो योगी/ फकीर ,
वो इसे प्रभु मिलन की राह में वरदान माने।
इल्म और किताबो से जो इश्क करते है वो,
ज्ञानी / विद्यार्थी तन्हाई को न हितेषी माने ।
तन्हाई प्रेमी जोड़ों का सुंदर संयोग बनाए,
तो कभी विरह के मारो को आए तरसाने।
तन्हाई का मौका उठाकर अधिकतर सभी ,
गुनाहगार लगते गुनाह की साजिश रचने।
तन्हाई रोगियों के लिए है एक बड़ी सजा,
रोग की पीड़ा ऐसे में उसे और लगे सताने ।
एक तन्हाई के कई रूप है और कई अफसाने ,
” अनु ” तन्हाई को आत्मसाक्षात्कार की राह माने ।