तनिक विवेक से काम लीजिए ..
यह समाज के धर्म के ठेकेदार ,
पंडित ,साधु ,मौलवी और पादरी ,
मनुष्यों को धर्म का उल्टा पाठ पढ़ा कर डराएं।
अपने धर्म को सर्वश्रेष्ठ बताकर ,
और अन्य धर्मों को तुच्छ जताकर,
उनमें परस्पर दूरियां बढ़ाकर नफरत को उकसाएं।
धर्म इनको प्यारा नहीं ,
ईश्वर और खुदा भी इनको प्यारा नहीं,
यह तो बस ! आपके दिल में अंधविश्वास जगाएं ।
अपनी जेबें भरने को ,
अपनी झूठी शोहरत के लिए ,
साम्प्रदायिक दंगों की आग भड़काएं ।
आप कृपया इनकी बातों में मत आइए ,
जरा अपने विवेक से काम लीजिए ,
देश में मिलकर रहें सभी संप्रदाय के लोग ,
जैसे सागर की लहरें मिल जाएं