तनिक पास आ तो सही…!
तू मेरे अब, तनिक पास आ तो सही…!
तेरा डर क्या है आकर बता तो सही….!
तू डरता क्यूँ है….?
तेरे मन से…
हर डर ….
न भगा दूँ तो कहना….!
तू मेरे अब, तनिक पास आ तो सही…!
राज़-ए-दिल अब तू अपना बता तो सही…!
तू डरता क्यूँ है….?
तेरा हर राज़…
ख़ुद में…
न छुपा लूँ तो कहना….
तू मेरे अब, तनिक पास आ तो सही…!
अपना दर्द-ए-जिगर तू दिखा तो सही….!
तू डरता क्यूँ है….?
तेरी आँखों से…
अश्कों को….
न चुरा लूँ तो कहना….!
तू मेरे अब, तनिक पास आ तो सही…!
अपने ज़ख़्मों से पर्दा हटा तो सही….!
तू डरता क्यूँ है….?
तेरे दामन से….
हर ग़म…
न मिटा दूँ तो कहना….!
तू मेरे अब, तनिक पास आ तो सही…!
हाल-ए-दिल तू मुझको सुना तो सही…..!
तू डरता क्यूँ है….?
तेरे जीवन में…
खुशियां…..
न समा दूँ तो कहना….!
तू मेरे अब, तनिक पास आ तो सही…!
यार मुझको तू खुद से मिला तो सही…!
तू डरता क्यूँ है….?
प्यार अपना जो
तुझ पर…..
न लुटा दूँ तो कहना…..!
तू मेरे अब, तनिक पास आ तो सही…!
अपने जज़्बात खुलकर जता तो सही….!
तू डरता क्यूँ है….?
तेरा हर ख्वाब…
पूरा….
न करा दूँ तो कहना….।
तू मेरे अब, तनिक पास आ तो सही…!
अपनी सांसों की सरगम सुना तो सही….!
तू डरता क्यूँ है….?
तेरे हर कसूर को….
ख़ुद से माफ़ी…
न दिला दूँ तो कहना….!
तू मेरे अब, तनिक पास आ तो सही…!
आके आगोश में तू समा तो सही….!
तू डरता क्यूँ है….?
प्यार से तुझको..
अपना….
न बना लूँ तो कहना…..!
तू मेरे अब, तनिक पास आ तो सही…!
हो समर्पित तू हिम्मत जुटा तो सही……!
तू डरता क्यूँ है….?
अपने रब से……
‘माही’ तुझे….
न मिला दूँ तो कहना….!
© डॉ० प्रतिभा ‘माही’
(01/07/2022)