तत समय …. जरूरी है
जिंदगी में कितनों तूफान हों,
और झंझावत ही कितनों हो,
तत समय अचल, अडिग रहना भी जरूरी है।
दिलों में कितनों दर्द हों,
और शब्द बाणों का प्रहार हों,
तत समय गम छुपाना भी जरूरी है।
चाहे दुखों का पहाड़ हो,
और कष्टें अन्न्त हों,
तत समय हँसना भी जरूरी है।
समय कितनों ही प्रतिकूल हों,
जिंदगी भले ही हो गई बड़ी भूल हों,
तत समय अपनों को याद करना भी जरूरी है।
………………. मनहरण