तज दे रैन बसेरा
आ गयी अन्त समय की बेला,देश हुआ बेगाना
उठा ले बन्दे सिर पर अपने,सारा माल खजाना
झूठ मूठ के नाते हैं सब,झूठी तेरी काया
मोह त्याग दे इस दुनिया का,दुनिया तो है माया
छोड़ झील का मीठा पानी,माँगा समन्दर सारा
जीवन का उद्देश्य भूल गया,भटके मन बनजारा
आया है जो आज यहाँ पर,कल है उसको जाना
इस दुनिया में रहा हमेशा,किसका ठौर ठिकाना
संजीवनी शक्ति जीवन देकर,गायब हो जाती है
साथ निभा कुछ क्षण फूलों का,खुशबू खो जाती है
अब तो सत्य को मान ले बन्दे,क्या तेरा क्या मेरा
छोड़ घोसला उड़ जा अब तू,तज दे रैन बसेरा