तकनीकी की दुनिया में संवेदना
तकनीकी की दुनिया में
संवेदना शून्य हो रही ,
चिट्ठीयो में सिमटी संवेदनाओ ने
ले लिया मोबाईल का रुख़
मानव ही मानव से कट रहा
इस दिखावटीपन की दुनिया में
रिश्ते नाते लुप्त हुए
इस स्वार्थ की दुनिया में ,
सच्ची भावों के सुंदर स्पर्श
का स्थान इमोजी
में विलुप्त हो गया
फिर से दीप जला दो
प्रेम से भरी
संवेदनाओं की,
मानव को मानव से मिला दो
बिना स्वार्थ की दुनिया में
तकनीकी की दुनिया में
संवेदना शून्य हो रही -२