तकदीर की रजामंदी
ना जाने क्यों यह तकदीर रुसवा रहती है मुझसे।
खता क्या हुई हमसे जो खफा रहती हैं मुझसे ।
अब तुम्हीं बताओ ना !फिजूल में बहाने मत बनाओ,
उसके रज़ा बिना जिंदगी कैसे गुजारी जायेगी हमसे।
ना जाने क्यों यह तकदीर रुसवा रहती है मुझसे।
खता क्या हुई हमसे जो खफा रहती हैं मुझसे ।
अब तुम्हीं बताओ ना !फिजूल में बहाने मत बनाओ,
उसके रज़ा बिना जिंदगी कैसे गुजारी जायेगी हमसे।