तंबाकू है ज़हर
धुआं उड़ाकर आज
जश्न मना रहे है जो
जानते नहीं है मौत
को दावत दे रहे है वो।।
जहर है तंबाकू
जानते है सब
फिर भी बीड़ी
सिगरेट पी रहे है
मुंह को थोड़ा भी
आराम नहीं देते
जब देखो गुटखा
खैनी चबा रहे है।।
तंबाकू का ज़हर
लेकर अपने तन में
आज इतराता है
कल यही ज़हर
तेरे फेफड़ों को
खराब कर जाएगा
अस्पताल में फिर
डाक्टर भी नहीं
कुछ कर पाएगा।।
अपना न सही
कमसे कम अपने बूढ़े
मां बाप का सोच लो,
जिससे कसमें की है
जिंदगी भर साथ
निभाने की उसकी
खुशियों का सोच लो,
तुम्हारे बाद बच्चों का
क्या होगा कभी तो
उनके भविष्य का
भी थोड़ा सोच लो।।
मरने से भी तू क्यों
कभी डरता नहीं
तंबाकू का सेवन
क्यों बंद करता नहीं।।